मन की गगरी
मन की गगरी कभी तो छलकेगी
जब तन हिंडोले खायेगा
नैनो की सगरी कभी तो छलकेगी
जब मुख 'बरबस' मुस्काएगा
किये जतन मैंने लाख ,के पगडण्डी न छोडूँ
किये जतन मैंने लाख पीड़ा में मुख न खोलूँ
पर बेबस मन कभी तो हठ पर आएगा
जब मन की गागर ,तन की सागर
संग लहरों में गोता खायेगा
वो बैठी बुलबुल ,नित मुझको समझा रही
क्यों मैं भावों में बह ,अपने ही को हरा रही
ऐ! बुलबुल तेरा जतन काम आएगा
मेरा मन तन पर काबू पायेगा
सच के हिंडोलों पे
झूठ कभी न आएगा
गूंजेगा मन ,
तन अब न गागर छल्कायेगा
जब तन हिंडोले खायेगा
नैनो की सगरी कभी तो छलकेगी
जब मुख 'बरबस' मुस्काएगा
किये जतन मैंने लाख ,के पगडण्डी न छोडूँ
किये जतन मैंने लाख पीड़ा में मुख न खोलूँ
पर बेबस मन कभी तो हठ पर आएगा
जब मन की गागर ,तन की सागर
संग लहरों में गोता खायेगा
वो बैठी बुलबुल ,नित मुझको समझा रही
क्यों मैं भावों में बह ,अपने ही को हरा रही
ऐ! बुलबुल तेरा जतन काम आएगा
मेरा मन तन पर काबू पायेगा
सच के हिंडोलों पे
झूठ कभी न आएगा
गूंजेगा मन ,
तन अब न गागर छल्कायेगा
(चित्र गूगल से )
17 Comments:
aaj ritu jee kahaan kho rahee hein ,sundar aise hee likhte raho
मेरा मन तन पर काबू पायेगा
सच के हिंडोलों पे
झूठ कभी न आएगा
गूंजेगा मन ,
तन अब न गागर छल्कायेगा
बेहतरीन पंक्तियाँ
Life is Just a Life
My Clicks
bahut sundar bhaav badhia rachna.
बेहतरीन पंक्तियाँ
गहरे भाव लिए सुंदर रचना।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
--
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!
किये जतन मैंने लाख ,के पगडण्डी न छोडूँ
किये जतन मैंने लाख पीड़ा में मुख न खोलूँ
पर बेबस मन कभी तो हठ पर आएगा
जब मन की गागर ,तन की सागर
संग लहरों में गोता खायेगा ...
बहुत सुन्दर...
अनुपम भाव संयोजन के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
बहुत बेहतरीन....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
बहुत बेहतरीन....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
Bahut Umda....
भावों को छलकने दो
मन को मचलने दो
यही तो है ऋतु सखी
तन मन महकने दो ।
पर बेबस मन कभी तो हठ पर आएगा
जब मन की गागर ,तन की सागर
संग लहरों में गोता खायेगा ...
बहुत खूब ... मन पर कभी कभी कोई बस नहीं रहता और गागरी छलक जाती है ... लाजवाब ...
सुन्दर भावमय प्रस्तुति.
अच्छा लगा पढकर.
सच के हिंडोलों पे
झूठ कभी न आएगा
गूंजेगा मन ,
तन अब न गागर छल्कायेगा...
लाजबाब प्रस्तुति बढ़िया रचना,....
बहुत सुन्दर सृजन , बधाई.
मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" की नवीनतम पोस्ट पर आप सादर आमंत्रित हैं.
मन की गगरी कभी तो छलकेगी .......
sundar bhav aabhar
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