तुलसी ...
शांत सी ,भाव सी , छाँव सी , तुलसी
शिष्ट सी ,इष्ट सी ,सत्यनिष्ठ सी , तुलसी
पूर्ण सी ,गुणों सी ,पुण्यों सी , तुलसी
कृष्ण सी ,प्रेम सी, राम सी , तुलसी
औषध सी, संजीवनी ,तारिणी , तुलसी
भक्त की , वरदान सी ,क्षमाधात्री , तुलसी
गीता में ,वेदों में , ज्ञान सी , तुलसी
ओजस्वी ,तेजस्वी , तपस्वी , तुलसी
प्रकाश में ,अंजुरी में ,मंजूरी में , तुलसी
शिष्ट सी ,इष्ट सी ,सत्यनिष्ठ सी , तुलसी
पूर्ण सी ,गुणों सी ,पुण्यों सी , तुलसी
कृष्ण सी ,प्रेम सी, राम सी , तुलसी
औषध सी, संजीवनी ,तारिणी , तुलसी
भक्त की , वरदान सी ,क्षमाधात्री , तुलसी
गीता में ,वेदों में , ज्ञान सी , तुलसी
ओजस्वी ,तेजस्वी , तपस्वी , तुलसी
प्रकाश में ,अंजुरी में ,मंजूरी में , तुलसी
जन्म में ,अंत में ,पर्यंत में , तुलसी
14 Comments:
बहुत ही बढ़िया।
सादर
बहुत सुन्दर वर्णन किया आपने तुलसी का । बधाई ।
मेरी नई रचना देखें-
मेरी कविता:आस
तुलसी-गाथा पढ़कर धन्य हुए!
बहुत सुन्दर!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
दुर्भाग्य से ये तुलसी हम सब के आँगन
से विलुप्त होती दिख रही है !
सुन्दर प्रस्तुति
बहुत सुन्दर तुलसी महिमा...
वाह ...बहुत बढि़या।
nice post.
तुलसी के गुणों पर सुंदर रचना।
तुलसी का सहज और सुन्दर रूप दिखाती रचना |
बधाई |
आशा
बहुत अच्छा लिखा आपने,बढ़िया प्रस्तुति....
NEW POST.... बोतल का दूध...
आपकी रचना बहुत अच्छी लगी,लाजबाब सुंदर पंक्तियाँ,..
MY NEW POST...मेरे छोटे से आँगन में...
जन्म में ,अंत में ,पर्यंत में , तुलसी
सच, तुलसी कहाँ नहीं है!
बहुत अच्छी रचना, सधन्यवाद.
सुन्दर... अति सुन्दर.
आपकी पोपुलर प्रस्तुति
कमाल कि है,ऋतू जी.
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