देखें ..
पाँव के नीचे ज़मी है ,
देखें सर पे आसमां कितना है
गुज़र गई जो उम्र अब तक ,
देखें उसमे फ़ासला कितना है
जुबां पे नहीं पर जो दिल में थे जज़्बात ,
देखें उनमे हौसला कितना है
कुछ सुनी अनसुनी जो बात ,
देखें उसमे माजरा कितना है
क्यों समझते नहीं ता उम्र की ,
प्यार में फायदा कितना है
उम्र भर गैरों से किये जो बात ,
तो इसमें कायदा कितना है ?
(चित्र गूगल से लिया है )
देखें सर पे आसमां कितना है
गुज़र गई जो उम्र अब तक ,
देखें उसमे फ़ासला कितना है
जुबां पे नहीं पर जो दिल में थे जज़्बात ,
देखें उनमे हौसला कितना है
कुछ सुनी अनसुनी जो बात ,
देखें उसमे माजरा कितना है
क्यों समझते नहीं ता उम्र की ,
प्यार में फायदा कितना है
उम्र भर गैरों से किये जो बात ,
तो इसमें कायदा कितना है ?
(चित्र गूगल से लिया है )
11 Comments:
आपने हमारे चक्र पढ़े और प्रशंसा की दो अमृत-धाराएं भी बहा दी। धन्यवाद देना था और इसी सिलसिले में आपकी सुन्दर कविताएं पढ़ने का सौभाग्य भी मिला। वैसे अभी लेख पूरा नहीं हुआ है, उसमें कुछ चित्र भी डालने हैं, दो चार दिन बाद फिर पढ़ना। और अलसी को जरूर आजमाना।
http://flaxindia.blogspot.in
डॉ. ओम वर्मा
सुन्दर भावाव्यक्ति।
वाह ...बहुत बढिया।
बहुत अच्छी प्रस्तुति, सुंदर रचना,...
MY NEW POST ...कामयाबी...
गहरे भाव।
सुंदर रचना।
आपकी सुन्दर प्रस्तुति से मन प्रसन्न हो गया है,
अनुपम भावाभिव्यक्ति के लिए बधाई,
मेरे ब्लॉग पर आपके आने का आभारी हूँ.
bahut achi kavitaa..
बहुत सुन्दर लिखा है आपने ...
Life is Just a Life
My Clicks
आपकी पोस्ट चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
http://charchamanch.blogspot.com
चर्चा मंच-791:चर्चाकार-दिलबाग विर्क>
BAHUT HI SUNDAR ....|
क्यों समझते नहीं ता उम्र की ,
प्यार में फायदा कितना है ...
ये प्यार तो अपने आप हो जाता है ... नफे नुक्सान को सोच के किया प्यार क्या प्यार होता है कभी ...
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home