Wednesday 11 January 2012

राहत तो दिलों कोजोड़ने का जरिया है ,किस से पूछें उस राहते मैखाने का पता..

जब शब्द कुछ और कहें और मन कुछ और तो समझ लेना चाहिए की मन के वीराने में अँधेरे रास्तों पर एक दिया जलाने की ज़रुरत है..कई बार मन के रिश्तों को तन की भाषा से जोड़ा नहीं जा सकता ,कभी आवाज़ आती है  तो कभी शब्द सुनाई नहीं देते.
.ज़िन्दगी जब एक राह पे चली जा रही हो तो उन रास्तों पे धीमे से पानी की फुहार दाल देने से जो सुगंध आती है उस से रोम रोम प्रफुल्लित हो जाता है.
..ठीक उसी तरह कशमकश से गुज़र रहे हों तो एक भरपूर सांस जो गहराई से जा कर दिल का दीदार कर आये..उस सांस की आवाज़ को ही अपने दिल की आवाज़ समझ लेना चाहिए..

7 Comments:

At 11 January 2012 at 21:56 , Blogger Amrita Tanmay said...

बहुत बढ़िया..

 
At 11 January 2012 at 22:33 , Blogger सुज्ञ said...

मन को प्रफुल्लित कर जाते वचन!! अतिसुन्दर भाव!!

 
At 11 January 2012 at 22:50 , Blogger Bharat Bhushan said...

अपने वर्तमान को पूरी तरह जीने का यही तरीका है. बहुत सुंदर रचना.

 
At 11 January 2012 at 23:02 , Blogger tips hindi me said...

रितु जी, पहले तो टिप्पणी के लिए धन्यवाद | आपने यदि न्यूज़ फ्लैशर के बारे में पूछा है तो आप ने इस सारे कोड को अपने ब्लॉग के साइडबार में लगाना है | बस जहाँ पे मैंने लिखा है कि आप अपनी पोस्ट का लिंक बदलें या टाइटल का नाम बदलें वहाँ पर आपने अपनी पोस्ट का टाईटल व पोस्ट का लिंक बदलना है | इसके इलावा भी आप को कोई और जानकारी चाहिए तो आप पूछ सकती हैं | यदि आप इस जानकारी को हाईलाईट नहीं करना चाहती तो मेरे ब्लॉग के दाईं तरफ उपरी कोने में स्थित ई-मेल लिंक पर कलिक करके भी आप मुझे मेल कर सकती हैं |

टिप्स हिंदी में

 
At 12 January 2012 at 06:11 , Blogger Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत सही।


सादर

 
At 12 January 2012 at 08:45 , Blogger virendra sharma said...

बहुत खूब !

 
At 12 January 2012 at 11:45 , Blogger Atul Shrivastava said...

सत्‍यवचन।

 

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