चांदनी का गीत
कहें लिखे क्या ..
आज कलम बेजुबान है और कागज़ सो रहा है..
शायद कोहरे में ढून्ढ रहे हैं एक दूसरे को ..
दिल की चांदनी में आज अक्स दिखाई नहीं देते ..रात का अँधेरा उन्हें दिल में उतरने नहीं देता ..
और हम चोरों की तरह ढून्ढ रहे है वो रोशनी जो चांदनी पे लिख दे ..कोहरे की दास्ताँ ..
सोये हुए कागज़ के सपनो का किस्सा ..
आज ओस पड़ी है ..हवाएं भी मनो रात की रानी की खुशबु को ओढ़े बह रही हैं ..
आज चांदनी बेरौनक नहीं ..कटोरी भर के चाँद आया है ..देखने अपने अक्स को उन ओस की बूंदों में..
चलो कागज़ को जगाएं ..
कलम उत्सुक है महकती हवाओं पर चांदनी का गीत लिखने को ..छोड़ आयें चलो उसको कागज़ के पास ..
शायद आज का गीत ..संगीत हो ..
आज कलम बेजुबान है और कागज़ सो रहा है..
शायद कोहरे में ढून्ढ रहे हैं एक दूसरे को ..
दिल की चांदनी में आज अक्स दिखाई नहीं देते ..रात का अँधेरा उन्हें दिल में उतरने नहीं देता ..
और हम चोरों की तरह ढून्ढ रहे है वो रोशनी जो चांदनी पे लिख दे ..कोहरे की दास्ताँ ..
सोये हुए कागज़ के सपनो का किस्सा ..
आज ओस पड़ी है ..हवाएं भी मनो रात की रानी की खुशबु को ओढ़े बह रही हैं ..
आज चांदनी बेरौनक नहीं ..कटोरी भर के चाँद आया है ..देखने अपने अक्स को उन ओस की बूंदों में..
चलो कागज़ को जगाएं ..
कलम उत्सुक है महकती हवाओं पर चांदनी का गीत लिखने को ..छोड़ आयें चलो उसको कागज़ के पास ..
शायद आज का गीत ..संगीत हो ..
10 Comments:
bahut hi badhiyaa...
आप की रचना भावुक कर गयी...बेजोड़ ...
नीरज
और हम चोरों की तरह ढून्ढ रहे है वो रोशनी जो चांदनी पे लिख दे ..कोहरे की दास्ताँ ..
सोये हुए कागज़ के सपनो का किस्सा ..
...bahut khoobsurat khayalaat..
bahut sundar rachna..
navvarsh ke mangal kamamnayen!
कलम उत्सुक है महकती हवाओं पर चांदनी का गीत लिखने को ..छोड़ आयें चलो उसको कागज़ के पास ..
शायद आज का गीत ..संगीत हो.waah.
सुंदर रचना।
गहरी भावाभिव्यक्ति।
Khoobsurat andaaz, behtareen khayal....
यु ही बैठी थी तो लिख दिया जो जज़्बात बने..आप सभी ने पसंद किया ..मै ह्रदय से आभारी हूँ..
prabhaavshali abhivyakti hai badhai
कलम उत्सुक है महकती हवाओं पर चांदनी का गीत लिखने को ..छोड़ आयें चलो उसको कागज़ के पास ..
शायद आज का गीत ..संगीत हो Love the lines.
Savita
कलम उत्सुक है महकती हवाओं पर चांदनी का गीत लिखने को ..छोड़ आयें चलो उसको कागज़ के पास ..
शायद आज का गीत ..संगीत हो .. Love the lines.
Savita Tyagi
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