मैं मालन तेरी बन जाऊं ..
मैं मालन तेरी बन जाऊं
नित नए पुष्पों का हार बनाऊ
बड़े प्यार से तुम्हे सजाऊ
मैं मालन तेरी बन जाऊं
चुन चुन के कलियाँ लाऊँ बागों से
हर खुशबु में मैं बस जाऊं
दमके जो शशि पर तुम्हारे
ऐसा कोई हार बनाऊँ
मैं मालन ....
आते जाते भक्तों को तुम्हरे
पुष्पहार मैं पकडाऊँ
पड़ी तुम्हारे दर पे मैं
भाग्य पर इठलाऊँ
मैं मालन .....
ये हार नहीं हैं भाव हैं मेरे
मन के डोरों में हैं पिरे
एक पुष्पहार से अपना प्यार
कैसे मैं तुमको दिखलाऊँ
मैं मालन ....
तुम्हे समर्पित जीवन मेरा
मैं कैसा पुष्पहार बनाऊँ ?
काश ! बाहें डाल तुम्हारे
मैं स्वयं हार बन जाऊं
मैं मालन तेरी बन जाऊं ..
13 Comments:
beautiful :)
ये हार नहीं हैं भाव हैं मेरे
मन के डोरों में हैं पिरे
एक पुष्पहार से अपना प्यार
कैसे मैं तुमको दिखलाऊँ
मैं मालन ....
बेहतरीन।
सादर
तुम्हे समर्पित जीवन मेरा
मैं कैसा पुष्पहार बनाऊँ ?
काश ! बाहें डाल तुम्हारे
मैं स्वयं हार बन जाऊं
...बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति..समर्पित प्रेम की सुंदर प्रस्तुति..
Beautiful poem and lovely expressions.Enjoyed reading it.
Savita
सुंदर रचना।
गहरी अभिव्यक्त्ति।
नए साल की शुभकामनाएं.....
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद ,आपके शब्द ही प्रेरणास्रोत हैं..
बहुत ही मधुर भावाव्यक्ति।
आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा मंच-743:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
बढ़िया प्रस्तुति |
टिप्स हिंदी में
तुम्हे समर्पित जीवन मेरा
मैं कैसा पुष्पहार बनाऊँ ?
काश ! बाहें डाल तुम्हारे
मैं स्वयं हार बन जाऊं
मैं मालन तेरी बन जाऊं ..
ishwar aapkee ichhaa pooree kare
blog jagat mein aapkaa swaagat hai
shubhkaanaayein
माडरेशन का विकल्प निष्क्रिय करने की अनुकम्पा करें |
टिप्स हिंदी में
टिप्स हिंदी में ब्लॉग की तरफ से आपको नए साल के आगमन पर शुभ कामनाएं |
टिप्स हिंदी में
ऋतु जी नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित आपकी रचनाशीलता के लिए बधाई। कुछ विचार बेहद अच्छे हैं। शिल्प पर यदि हो सके तो और काम कीजिये।
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home