Friday 23 December 2011

ज़िन्दगी के सवाल



ज़िंदगी तू मुझसे कभी सवाल ना करना, 
गाहे बगाहे जो किए हमने उनका ख़याल ना करना.. 

तू तो चली आ रही , कबसे .. 
मेरी एक ही है .. 
कभी अनजाने चोट दी हो  
तो उनका मलाल ना करना 
ज़िंदगी तू मुझसे.... 

तारों की चाहत में,रातों को खोकर 
सुबह को भूल जाने का
ख़याल ना करना 
ज़िंदगी तू मुझसे.. 

मैं इंसान हूँ ,तू ज़िंदगी है.. 
तेरा इंतेहाँ ना दे पाऊँ  
तो कोई कमाल ना करना.. 
ज़िंदगी तू मुझसे.. 

फ़िक्र हमे है,रास्ते है ,पगडंडी है.. 
उन रास्तों पे खो जाएँ तो 
हमीं पे एहसान करना .. 
ज़िंदगी तू मुझसे.. 

तेरे सवालों पे जो हम रो देंगे, 
रो कर टूट जाएँ तो 
तू इतना प्यार करना .. 
ज़िंदगी तू मुझसे कभी सवाल ना करना.. 
गाहे बगाहे जो किए हमने उनका ख़याल ना करना.. 

2 Comments:

At 23 December 2011 at 21:06 , Blogger Rajesh Kumari said...

jindagi hi savaal hai jindagi hi khud jabaab hai.
jindagi jindadili ka naam hai.
jindagi ka yeh afsana chalta rahta hai.
man ke gahan bhaavon ko ukerti rachna.bahut sunder.

 
At 23 December 2011 at 21:43 , Blogger Atul Shrivastava said...

जिंदगी पर सुंदर रचना।

 

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