फूल है गेंदे का
लिपटी हों जैसे धुप की सहर्ष किरणे
और बंधा हो जैसे चोटी में प्यारा सा फुंदना
ऐसा सुन्दर फूल है गेंदे का
महकती डालियों पे नित डोले
बसंती छठा में बसंत रंग घोले
टेसू के फूलों से भी ज्यादा पीला
ऐसा सुन्दर फूल है गेंदे का
हजारी ,संतरी ,तितलिय और पीला
देवों का प्रिय ,मनमोहक रंगीला
सुन्दर उपवन ,बसंत बना नशीला
ऐसा सुन्दर फूल है गेंदे का..
और बंधा हो जैसे चोटी में प्यारा सा फुंदना
ऐसा सुन्दर फूल है गेंदे का
महकती डालियों पे नित डोले
बसंती छठा में बसंत रंग घोले
टेसू के फूलों से भी ज्यादा पीला
ऐसा सुन्दर फूल है गेंदे का
हजारी ,संतरी ,तितलिय और पीला
देवों का प्रिय ,मनमोहक रंगीला
सुन्दर उपवन ,बसंत बना नशीला
ऐसा सुन्दर फूल है गेंदे का..
7 Comments:
वाह!
बहुत बढ़िया!
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आपकी प्रवि्ष्टी की चर्चा कल बृहस्पतिवार 22-12-2011 के चर्चा मंच पर भी की या रही है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल उद्देश्य से दी जा रही है!
गेंदे के फूल का सुंदर प्रस्तुतिकरण।
इस मौसम में गेंदा वैसे भी अपने पूरे निखार पर होता है.....
गेंदे के फूल जैसी सुन्दर और सुवासित रचना...
आप सभी का तहे दिल से आभार ,व चर्चा मंच पर मुझे अवसर देने के लिए भी अनेकानेक धन्यवाद..
ऋतू बंसल
गेंदे के फ़ूल का बहुत सुन्दर चित्रण किया है।
बहुत खूब....
सुन्दर रचना...
सादर.......
आप सभी का ह्रदय से धन्यवाद ,मेरी अन्य कविताओं पर भी नज़र डालें..
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