Thursday, 12 January 2012

अखबार

ज़िन्दगी में  बीते हुए कल के दिन का महत्व उस अखबार की तरह है जिसे हम आज पढ़ कर रद्दी में फेंक देते हैं..
होना भी चाहिए ,अखबार के पन्ने ,दिन में बिताए हुए घंटों की तरह होते हैं,हर घंटे का एक शीर्षक होता है..जिस से हम उस समय में बिताए हुए दिन का विश्लेषण करते हैं..बस उतनी ही सामग्री अखबार में से दिमाग में जगह बनाती है जितनी हम  याद  रखना चाहते हैं..ठीक उसी प्रकार पूरे दिन में से भी बस उन्ही पलों को याद रखो जिन्हें कभी काम में लाना है..बाकी सब रद्दी के हवाले कर दो..
जो चंद पलों में कभी आवश्यकता पड़े तो ज़िन्दगी के अखबार के पन्नो को वापस पलट कर याद कर लेना वो पलछिन..खूब रश्क में बिताए हुए समय के प्रभाव से आने वाले कल के दीदार के लिए अपने आप को संभाले रखना..वही वो अखबार है जिसका पूरा सम्पादकीय उसने लिखा है जिसे तुम जानते भी नहीं..

19 Comments:

At 12 January 2012 at 19:25 , Blogger Sanju said...

बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

 
At 12 January 2012 at 19:46 , Blogger रविकर said...

बहुत सुंदर ||

 
At 12 January 2012 at 19:47 , Blogger रविकर said...

बहुत सुंदर ||

 
At 12 January 2012 at 19:59 , Blogger P.N. Subramanian said...

सुन्दर आलेख. अल्ज्हमेर से पीड़ित लोगों की दशा की कल्पना कर रहा हूँ.

 
At 12 January 2012 at 20:12 , Blogger RITU BANSAL said...

पधारने के लिए धन्यवाद ..आपका ब्लॉग 'मल्हार' अच्छा लगा .. follow कर रही हूँ..

 
At 12 January 2012 at 21:03 , Blogger अनुपमा पाठक said...

beautiful expression!

 
At 12 January 2012 at 21:25 , Blogger Atul Shrivastava said...

सही कहा।

 
At 12 January 2012 at 22:30 , Blogger महेन्द्र श्रीवास्तव said...

अच्छा दर्शन है आपका।
मैं पहली बार यहां आया हूं, सच में अच्छा लगा।

 
At 12 January 2012 at 22:53 , Blogger सदा said...

बहुत बढिया ।

 
At 12 January 2012 at 23:04 , Blogger रश्मि प्रभा... said...

ज़िन्दगी में बीते हुए कल के दिन का महत्व उस अखबार की तरह है जिसे हम आज पढ़ कर रद्दी में फेंक देते हैं.. पर वे लहरों की तरह मुड़ मुड़कर आते हैं

 
At 12 January 2012 at 23:42 , Blogger RITU BANSAL said...

आपका बहुत बहुत धन्यवाद व आभार..
आशा करती हूँ आप का मार्गदर्शन मिलता रहेगा..

 
At 12 January 2012 at 23:43 , Blogger Jeevan Pushp said...

बहुत सुन्दर ...प्रेरणादायक आलेख !

 
At 12 January 2012 at 23:43 , Blogger RITU BANSAL said...

सही कहा आपने रश्मि जी..

 
At 13 January 2012 at 00:50 , Blogger Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही बढ़िया।


सादर

 
At 13 January 2012 at 03:03 , Blogger डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर!
लोहड़ी पर्व की बधाई और शुभकामनाएँ!

 
At 13 January 2012 at 05:47 , Blogger Dr.NISHA MAHARANA said...

ज़िन्दगी के अखबार के पन्नो को वापस पलट कर याद कर लेना वो पलछिन..bahut badhiyaa.

 
At 13 January 2012 at 08:45 , Blogger RITU BANSAL said...

सचमुच ..आप सब की प्रतिक्रियाएं पढ़ कर प्रोत्साहन मिलता है ..
तहे दिल से आभार ..
आपके सुझावों का मै आदर करुँगी
मकर संक्रांति व लोहरी की बधाई के साथ ,
हमेशा आपके स्वागत को तत्पर ..
फिर आइयेगा ..

 
At 13 January 2012 at 10:57 , Blogger Atul Shrivastava said...

लोहडी और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं.....


आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......

 
At 13 January 2012 at 21:49 , Blogger Onkar said...

sundar vichar

 

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