मन की बातें..
1-आराम से बैठ कर सितारों ने महफ़िल जमाई है
बात चली घटाओं की जहां हवाओं की आवाजाही है ..
रुक कर पुछा बूंदों ने ,मिलेगा आशियाना यहाँ..
ले लो संग हमें भी ,आज अश्कों से रुसवाई है ..
2-भीग जायेंगे हम जो तुम बरस जाओ..
इस कदर न हमको अब तरसाओ
रोज़ खटखटाते हो तुम ये दरवाज़ा
हम दिल खोले खड़े हैं , बस तुम आ जाओ
3-पसोपेश में हैं मन से लिखें या कलम से
कागज़ की सतह बनाएं या यूँ ही रहने दें..
बहुत चुनिन्दा हैं इस दिल की हसरतें ..
कह के बतला दें, या फिर यूँ ही रहने दें...
4-ऐ निष्ठुर बदरा तू , ऐसे क्यूँ ताके है ..
क्यूँ मौन हो गया .क्यूँ बरखा के फाके हैं
इस धरती से क्या तेरा मन ऊब गया
या सागर से तू रूठ गया
या कुछ और ही तेरे बन गए नाते हैं
ऐ निष्ठुर बदरा तू , ऐसे क्यूँ ताके है ..
क्यूँ मौन हो गया .क्यूँ बरखा के फाके हैं
इस धरती से क्या तेरा मन ऊब गया
या सागर से तू रूठ गया
या कुछ और ही तेरे बन गए नाते हैं
ऐ निष्ठुर बदरा तू , ऐसे क्यूँ ताके है ..
5-मैंने जाना, जान कर जाना ..
फिर वो आ गए और
जान ले गए ..
जब जाँ निकल गयी तो..
बस, जाना.. जाना
17 Comments:
बहुत खूब ,शानदार पोस्ट |
सुन्दर....बहुत सुन्दर...
अनु
अच्छी सी हैं मन की बातें ...|
badhiya ,bahut badhiya
अच्छी भाव कणिका है राग भी है रुसवाई भी है ....कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
बुधवार, 22 अगस्त 2012
रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .
What Puts The Ache In Headache?
आपकी पोस्ट आज 23/8/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा - 980 :चर्चाकार-दिलबाग विर्क
रुक कर पुछा बूंदों ने ,मिलेगा आशियाना यहाँ..
ले लो संग हमें भी ,आज अश्कों से रुसवाई है ..
bahut sundar ...
बहुत-बहुत सुन्दर:-)
भीग जायेंगे हम जो तुम बरस जाओ..
इस कदर न हमको अब तरसाओ
रोज़ खटखटाते हो तुम ये दरवाज़ा
हम दिल खोले खड़े हैं , बस तुम आ जाओ ...
बहुत खूब ... लाजवाब मुक्तक है ... उनके आने का इंतज़ार ...
मैंने जाना, जान कर जाना ..
फिर वो आ गए और
जान ले गए ..
जब जाँ निकल गयी तो..
बस, जाना.. जाना,,,,,,लाजबाब अभिव्यक्ति,,,,
RECENT POST ...: जिला अनूपपुर अपना,,,
बहुत खूब ...
पशोपेश में है मन से लिखें या कलम से...
आपकी कल्पना की उड़ान ने तो असमंजस में डाल दिया। शब्द ही नहीं कुछ कहने को.... बहुत खूब।
वाह ...खूबसूरत शब्द रचना
wah.....kya baat hai.....
सुंदर..!!
बहुत ख़ूब!
एक लम्बे अंतराल के बाद कृपया इसे भी देखें-
जमाने के नख़रे उठाया करो
बहुत ख़ूब!
एक लम्बे अंतराल के बाद कृपया इसे भी देखें-
जमाने के नख़रे उठाया करो
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