गर्मियों की छुट्टियां ..
साल भर से आ रही थी
माँ के यादों की हिचकियाँ
उन्ही के घर पे बीत रहीं
ये गर्मियों की छुट्टियां
काम धाम का नाम नहीं
हम कहीं और बच्चे कहीं
मिल रहे सहेलियों से
भर के प्यार की झप्पियाँ
कुछ इस तरह से बीत रही
गर्मियों की छुट्टियां ..
बाज़ारों के हो रहे रोजाना ही फेरे
कभी काम हो माँ का ,कभी झमेले मेरे
देर रात तक हो रहीं छीटाकशी की गप्पियां
कुछ इस तरह से बीत रहीं
गर्मियों की छुट्टियां ..
गली मोहल्ले के बच्चों संग
बच्चे मित्र बन गए अंतरंग
प्यार लाड़ बहुत दे रही
कालू काली की पिल्लियाँ
कुछ इस तरह से बीत रही
गर्मियों की छुट्टियां
17 Comments:
गर्मियों की छुट्टी में ..माँ का आँचल बहुत शीतलता देता है ...
शुभकामनाएँ !
वाह!
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,,
MY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि,,,,,सुनहरा कल,,,,,
माएके जाने ना मन हो आया.....................
सुंदर भाव रितु जी....
अनु
बहुत खूब ...
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - माँ की सलाह याद रखना या फिर यह ब्लॉग बुलेटिन पढ़ लेना
bahut umda kavita
गर्मी की छुट्टियां................आह बचपन याद आ गया ।
सुन्दर चित्रण...उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
अनुपम भावों का संगम ... गर्मियों की छुट्टियों का ...
वाह ....बहुत सुंदर कविता ...
मन खिल गया पढ़ कर ...
शुभकामनायें...
मजे ही मजे , वाह !
i loved this one , super awesome
I like this one..Super Awesome
पुरानी साडी यादे ताज़ा हो गई ...लाजबाब...
40 साल पीछे कि और देखता हूँ तो ये कविता रुला देती है |
वाह सुंदर गर्मी की छुट्टियाँ .....
बहुत सुंदर !
आपकी गर्मी की छुटियाँ अच्छे से बीतीं यह बहुत खुशी की बात है.
तभी तो आपने सुन्दर वर्षा की बूंदों की फुहार बरसा दी है.
आभार.
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