कलमदान
यह एक ऐसा पट है जहां ज़िन्दगी के अनुभव एक चाय के प्याले में जीवन की मिश्री और रंग के सामान घुले हुए नज़र आते हैं..बस ज़रुरत है तो एक घूँट पीने की .. This is a platform to melt the emotions into the cappuccino of LIFE..and then sip the creamy effervescence of experiences..!!
13 Comments:
बहुत बढिया।
अच्छा है .
sunder santvana ....
shubhkamnayen ..
गुनगुनाने से गाने का सबब बनता है
खो जाने से पाने का सबब बनता है
पार उतारे माझी तुम्हारी नैया को भी
के चले जाने से ही आने का सबब बनता है....
वाह!!!!बहुत खूब,...ऋतू जी,..बहुत ही सुंदर रचना,...
आपका बहुत दिनों से पोस्ट में आना नही हुआ,...आइये स्वागत है
RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....
RECENT POST...फुहार....: रूप तुम्हारा...
खो जाने से पाने का सबब बनता है
पार उतारे माझी तुम्हारी नैया को भी
very nice.....
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है।
चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं....
आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
तुम्हारे जाने से गुलशन तो न खाली होगा
पर एक फूल डाली से जुदा होगा
महकेंगी गलियाँ तुम्हारी भी
पर तुम्हारी साँसों का ज़िक्र यहाँ होगा.
बेहतरीन. बधाई स्वीकार करें.
बहुत खुबसूरत..
bahut badiya prastuti..
शुभकामनायें आपको !
बहुत खूब ... लाजवाब मुक्तक ...
बहुत भावपूर्ण |बहुत सुन्दर प्रस्तुति
आशा
Wah! Wah!
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