मन के रंगों से खेलो होरी ,
मन के रंगों से खेलो होरी ,
होरी सज जायेगी
तन से दूर हटा मन की जोर जोरी
होरी सज जायेगी
हो रंग प्यार का अंग ,संग चाहत थोड़ी थोड़ी
भूलें बैर बदरंग ,चढ़ा के नशा जिसमे आनंद
मिल जाएँ हम जोली
भाव में रहो जैसे मकरंद ,ये दिन दुनिया के चंद
हो दुष्ट अहित का अंत ,पी के सत्संग की ऐसी भंग
भर जायेगी होली
तो फिर ......
बचपन के रंगों से खेलो होरी ,होरी सज जायेगी
बरसा कर मोह प्यार हरदम जैसे भोर भोरी
होरी सज जायेगी
(चित्र गूगल से )
15 Comments:
हो रंग प्यार का अंग ,संग चाहत थोड़ी थोड़ी
भूलें बैर बदरंग ,चढ़ा के नशा जिसमे आनंद
मिल जाएँ हम जोली
भाव में रहो जैसे मकरंद ,ये दिन दुनिया के चंद
हो दुष्ट अहित का अंत ,पी के सत्संग की ऐसी भंग
भर जायेगी होली
बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,..
भूले सब सब शिकवे गिले,भूले सभी मलाल
होली पर हम सब मिले खेले खूब गुलाल,
खेले खूब गुलाल, रंग की हो बरसातें
नफरत को बिसराय, प्यार की दे सौगाते,
NEW POST...फिर से आई होली...
NEW POST फुहार...डिस्को रंग...
सुन्दर!
बहुत सार्थक प्रस्तुति है!
बहुत ही खुबसूरत रंगों से भरा हो आपका होली का त्यौहार.....
Beautiful. Miss the Holli.
होली की खुमार परवान चढ़े जीवनके सारे रंग अपने स्वरुप को सुघरता प्रदान करते हुए अनंत खुशियों को वरण करें ,होली की और सृजन की ह्रदय से बधाईयाँ जी /
अनुपम भाव संयोजन लिए ...उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ।
वाह ... बचपन के रंग हर साल मिलते रहें तो होली का मज़ा दुगना हो जाता है ...
आपको होली की शुभकामनायें ...
होली के पर्व की बहुत बहुत शुभकामनएं
हो रंग प्यार का अंग ,संग चाहत थोड़ी थोड़ी
भूलें बैर बदरंग ,चढ़ा के नशा जिसमे आनंद
मिल जाएँ हम जोली
भाव में रहो जैसे मकरंद ,ये दिन दुनिया के चंद
हो दुष्ट अहित का अंत ,पी के सत्संग की ऐसी भंग
भर जायेगी होली
शानदार प्रस्तुति .होली मुबारक .
काश बचपन के रंग बापिस मिल जाएँ ! आप की रचना प्रभावशाली हैं !
रंगोत्सव की शुभकामनायें स्वीकार करें !
होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं......
अनुपम भाव प्रभावशाली रचना हैं |होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं......
भूलें बैर बदरंग ,चढ़ा के नशा जिसमे आनंद
मिल जाएँ हम जोली
भाव में रहो जैसे मकरंद ,ये दिन दुनिया के चंद
मीठी-मधुर प्रस्तुति.......
होली की शुभकामनाओं से त्यौहार ही नहीं ये पृष्ठ भी रंगीन कर दिया आप सभी ने..
आभार !
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