घने बरगद के नीचे
गर्मी के मौसम में घने बरगद के नीचे
जाने कितने बरस बचपन के हमने सीचें
वो कंचों की गोली ,वो आँख मिचोली
वो दोस्तों की टोली ,वो प्यार के छींटे
जेठ का महीना ,जब आया पसीना
सुर्ख तरबूजों से वो रस भर भर के पीना
आम के बाग़ से आमों की झपटी -छीना
कोयलों की बोलियों पे कूक के हम भी बोले
ठंडी रात में हाथ से पंखा झलती
आँचल में माँ के वो मुलायम हथेली
घर की छतों पे ,तारों के नीचे
जाने कितने पल बचपन के हमने सींचे ..
(चित्र गूगल से )
25 Comments:
बहुत सुंदर............
बचपन मीठी यादों का खजाना होता है......................
bachpan ki yad aa gai...badhai....
मर्म को छूटी हुई बचपन कि यादें ....
बहुत सुंदर रचना ...
शुभकामनायें ...
क्षमा करें .......*छूती हुई ....है ,टंकण गलत है .
गर्मी के मौसम में घने बरगद के नीचे
जाने कितने बरस बचपन के हमने सीचें
वो कंचों की गोली ,वो आँख मिचोली
वो दोस्तों की टोली ,वो प्यार के छींटे
.... यादें कितनी प्यारी होती हैं
बचपन के कितने खूबसूरत पल जीवंत हो उठे ...तपती दुपहरिया बिना कूलर भी इतनी गर्म नहीं लगती थी !
मीठी लगी पोस्ट !
धन्यवाद व आभार !
बहुत सुंदर रचना ...
बहुत सुंदर रचना ...
बचपन की यादें ताजा हो गईं इस सुंदर रचना से ...आभार
so sweet ritu
I remember that old song
bachpan ke din bhi kay din the
udte phirte titali ban
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so sweet Ritu
I remember an old movie song
bachpan ke din bhi kya din the
udte phirte titali ban
soumyasrajan
Nostalgia is overpowering me. Thanks for this beautiful creation.
कविता के भव मन को छूते हैं।
Beautiful!
Revisiting childhood memories is always fun:)
बचपन की यादों को टटोलती रचना
खूबसूरत यादे और एहसास बचपन के ..
ठंडी रात में हाथ से पंखा झलती
आँचल में माँ के वो मुलायम हथेली
घर की छतों पे ,तारों के नीचे
जाने कितने पल बचपन के हमने सींचे ..
दिल की आवाज है यह कविता.
बधाई.
ठंडी रात में हाथ से पंखा झलती
आँचल में माँ के वो मुलायम हथेली
घर की छतों पे ,तारों के नीचे
जाने कितने पल बचपन के हमने सींचे ..
बचपन की स्मृतियों को बहुत ही बारीकी से बयां किया है । मरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा ।
बचपन की यादो क सुन्दर वर्णन
सुन्दर रचना....
अतिसुन्दर कविता है। आपने तो गर्मी भी तरबूज और आम खिला कर खुश कर दिया।
बचपन की अनमोल यादेँ ....हर खजाने पे भारी हैं......
शुभकामनाएँ!
यादों का अनमोल खज़ाना ... अनुपम भाव संयोजन ।
sweet poem.loved it.keep up ur good work.
good poem . keep it up dear
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