ये मन न पछताए ..
देख एक सुन्दर बाला को
मेरा मन हुआ कुछ ऐसा
काश ! इतनी लम्बी खूबसूरत
हम भी होते , लम्बी नाक रूप बेशुमार
से कुछ हमको भी नक़्शे होते.
.
पहुंची जो नज़र उनके हाथों पे
कुछ इस तरह हमे मिला सुकून ,
ऐ खुदा ,मेरे भगवन ,तुने सबको जैसा बनाया
उसी से खुश हैं हम ,
शायद उनके हाथों के निशा
बन जाते हमारे भी गम ..
कर कृपा इतनी ,अपने में दंभ न आये
फिर कभी किसी को देख के
ये मन न पछताए ..
(चित्र गूगल से )
(चित्र गूगल से )
22 Comments:
शायद उनके हाथों के निशा
बन जाते हमारे भी गम
सुन्दर |
बधाई ||
जो प्यार करते हैं उनकी आँखों में देखो खुद को
गुरुर होगा खुद पर
कहानियों की परियां खुद में मिल जाएँगी
कर कृपा इतनी ,अपने में दंभ न आये
फिर कभी किसी को देख के
ये मन न पछताए ..
बहुत सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति // बेहतरीन रचना //
MY RECENT POST ....काव्यान्जलि ....:ऐसे रात गुजारी हमने.....
बहुत दिया देने वाले ने तुझको .......???
खुश रहें !
एक अपील ...सिर्फ एक बार ?
achhi or santosh ki bhavna se paripoorna post .bdhai
जो मिले उसमे खुश रहने मे ही समझदारी होती है
प्रवाहमयी...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ..
jo dikhayi deta hai jaruri nahi ki vo hi satyam,shivam,sundram ho.
apne ko jitna mila usi se santushti ho iske liye bhagwan se prarthna karni chaahiye.
rashmi prabha ji se sehmat.
बनाने वाले तूने कमी ना की,
किसको क्या मिला मु्द्दर की बात है।
जो है उसी में खुश रहना अच्छा है ...
सुंदर बाला हमें तो अब कहीं भी नहीं दिखाई देती
एक दिखी थी कभी अब बाकी उसी में समाई रहती ।
खुबसूरत अल्फाजों में पिरोये जज़्बात....
सारगर्भित रचना ....
बहुत सुंदरता से भाव पिरोये ....!!
शुभकामनायें .....!!
किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, जो है अपने पास उसी पर गर्व करना... प्रेरक भाव, बधाई.
kahate hai bhagwan ne do hath do pair sahi salmat die hai...
or kya chahiye..
yatharth ko roopdiya hai apne..
gahan bhav liye behtarin rachana....
रितु जी,
पूर्व में हुई चर्चा के अनुसार आपके ब्लॉग से कुछ लेख को अपने दैनिक समचार पत्र भास्कर भूमि में प्रकाशित किया है। अखबार का प्रतियां आप तक भेजना चाहते है। आप अपने घर की पता भेजने की कृपा करे.......bhaskar.bhumi.rjn@gmail.com
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अच्छा चित्रण किया है आप ने...सुन्दर प्रस्तुति... बहुत बहुत बधाई...
अच्छा चित्रण किया है आप ने...सुन्दर प्रस्तुति... बहुत बहुत बधाई...
bahut khubsurat rachna..aapka blog bahut prashanshniy hai.
mere blog me aapka swagat hai.
बहुत सारगार्भित अभिव्यक्ति...बहुत सुन्दर...
वाह जी बल्ले बल्ले
देख पराई चूपडी मत ललचावे जीव ।
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