एक पत्र ..
मेरे ब्लॉगर मित्रों
सादर नमस्कार
इधर कुछ दिनों से अपने लेख ब्लॉग पर डालने का मन नहीं कर रहा है . मैंने पाया है की मेरी स्वीकृति के बिना कुछ एक मित्रों ने मेरे लेख
" share " किये हैं .
मुझे अफ़सोस है की इतने मन से 'कलमदान' में जीवन भारती हूँ ..परन्तु कुछ मित्रगण ,दुसरे की मेहनत का फायदा उठाते हैं .
मन खट्टा हो गया .
क्या आप लोग मेरा मार्गदर्शन कर सकते हैं की ऐसे लोगों का पता कैसे लगाऊँ और कैसे अपने लेखों को बचा के रखूँ .
आप सब लोग इस ब्लॉग जगत में काफी अनुभव रखते हैं ..मेरा मार्गदर्शन करें ..
शुभकामनाओं सहित
ऋतू बंसल