मैं बेमिसाल हूँ ...
मुझीमें है समुन्दर मुझी से बरसती है बूँदें ..मै ही हूँ सात रंग ..मुझी में हैं नगमें ..
मुझी में है फ़लक मै ही शानदार हूँ ..मुझी में है वो झलक के मै तेरा राज़दार हूँ ..
आजा बिठा के तुझको सितारों की कश्तियों पे ..मौजों को भरके आगोश में मस्तियों के
दिखा आऊं वो शहर जहां पर काफ़िल मिलें ..डालूँ वो नज़र जहां पर हौसले मिलें ..
तुम्हारी ही कल्पना हूँ मै तुम्हारा ही ख़याल हूँ ..तुम्हारा ही हुनर हूँ मै ..
मै बेमिसाल हूँ ...!!
(चित्र गूगल से साभार )
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home