Friday 12 June 2020

अलसाई शाम तले

यूँ ही एल अलसाई शाम तले 
बैठें थे कभी दो चार जब पल मिले 
मदहोश शाम ढल गयी यूँ ही आलस में 
तकदीर में जाने कब हों फिर ये सिलसिले ..

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Friday 14 June 2019

ख्याल....


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Friday 24 August 2018

सीप






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Monday 12 March 2018

प्यार का पहाड़ा



दो इकुम दो ,दो दूनी चार
कर लो  सबसे प्यार प्यार प्यार
दो तिया छे, दो चौका  आठ
बस प्यार प्यार ही बाँट..
दो सत्ते चौदह दो अट्ठे सोलह
प्यार से कर ले सुलह
दो नेम अठारह दो धाम बीस
 बस प्यार का पहाड़ा सीख..
प्यार का पहाड़ा सीख 
तू बाँट प्यार बाँट सबके बीच 
दो इकुम दो ,फिर दो धाम बीस ..

(चित्र गूगल से साभार )


Saturday 10 March 2018

एक कण का कोना हूँ मैं ..


                                                                         (चित्र गूगल से साभार )

Thursday 8 March 2018

मैं बेमिसाल हूँ ...








मुझीमें है समुन्दर मुझी से बरसती है बूँदें ..मै ही हूँ सात रंग ..मुझी में हैं नगमें ..
मुझी में है फ़लक मै ही शानदार हूँ ..मुझी में है वो झलक के मै तेरा राज़दार हूँ ..
आजा बिठा के तुझको सितारों की कश्तियों पे ..मौजों को भरके आगोश में मस्तियों के 
दिखा आऊं वो शहर जहां पर काफ़िल मिलें ..डालूँ वो नज़र जहां पर हौसले मिलें ..
तुम्हारी ही कल्पना हूँ मै तुम्हारा ही ख़याल हूँ ..तुम्हारा ही हुनर हूँ मै ..
मै बेमिसाल हूँ ...!!

(चित्र गूगल से साभार )

Wednesday 7 March 2018

मेरी चवन्नियों सी चाहतें







मेरी चवन्नियों सी चाहतें पत्तों सी  लगी हैं पेड़ों पर 
जैसे जमी हो बर्फ उन पत्तों पर और रोज़ सुबह पिघल जाती हो ,
टप टप बूँदें बनकर गिरती हों ज़मीं पर ..
हर रात फिर एक सतह जम जाती हो उन पत्तों पर 
फिर सुबह बूँद बूँद टपकने को 
एक दिन आएगा जब पत्ता बे रंग हो जाएगा 
और झड जाएगा डाली से ..
मिल जाएगा उस मिटटी में
और रह जायेगी सिर्फ चवन्नी ...
नया अंकुर फूटेगा उसी डाली पर 
और फिर लहलहायेंगी मेरी चाहतें ..
रोज़ छेड़ेंगी उसे हवाएं ,और वो मुस्कुराएगा 
मौसमों से लड़ते हुए ,वो बढ़ता जाएगा ...

(चित्र गूगल से साभार )