Friday, 12 June 2020

अलसाई शाम तले

यूँ ही एल अलसाई शाम तले 
बैठें थे कभी दो चार जब पल मिले 
मदहोश शाम ढल गयी यूँ ही आलस में 
तकदीर में जाने कब हों फिर ये सिलसिले ..

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